नई उम्मीदों
नए सपनों
नए आसमाँ
नए अरमान
नई पहचान के साथ...

और पुराना साल दे गया
हमें ढेर सारी यादें
ढेर सारी
देर सारी सीख...
कितना अजीब है न ये समय-चक्र...
आज फ़िर हम 1 तारीख पर हैं,
पहले महीने में
बस वर्ष बदला हुआ है...
फ़िर कुछ नई चाहतें
फ़िर कुछ ख्वाब पूरे करने की उम्मीद...
कुछ नए वादे खुद से...
कुछ नई आदतें...
अच्छी अपनाने की
ख़राब छोड़ने की...
मैंने तो सोच लिया है...
थोड़ा और punctuality अपनानी है
थोड़ा और serious होना है काम के लिए
थोड़ा और परिधि बढ़ानी है अपनी सोच की
थोड़ा और खुद को मजबूत करना है...
और एक बात ठानी थी...
इस साल के आते ही अपना उपनाम छोड़ दूंगीं...
सो छोड़ दिया...

आपने क्या सोचा करने को???
और क्या किया???
मेरी तरफ से आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं...