मुझे जानना चाहते हो???

यदि जानना चाहते हो मुझे...
तो कभी फुरसत से,
तन्हाई में
शांत मन से
पढ़ना उन अधूरी लाइनों को
उन अधूरे पन्नों को
जो अभी भी उस डायरी में मौजूद हैं...
जो मेरे सिराहने कही रखी है...

13 comments:

  1. कुछ ही शब्दों की कविता ,लेकिन पूरे एक युग की कहानी का बयान करती हुई...अच्छी रचना।

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  2. बहुत अच्छी रचना....धन्यवाद|

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  3. चंद शब्दों में गहरी बात कहना कोई आपसे सीखे...बहुत अच्छी रचना...

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  4. इसे ही प्यार कहते हैं ---कोई समझे न समझे , करने वाले करते ही रहते हैं....

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  5. हर व्‍यक्ति के सिरहाने कुछ न कुछ अधूरा रखा होता है। हर व्‍यक्ति अपने को अधूरा पढ़ा महसूस करता है। वह चाहता है कि कोई उसे पूरा पढ़े।

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  6. achhi kavita
    kabhi yaha bhi aaye
    www.deepti09sharma.blogspot.com

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  7. Individuals and relationships are so complicated, so difficult to reach conclusion.

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  8. बहुत गहरे भाव!

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  9. अच्छी कविता है :)

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  10. sachmuch kyon nahi pahunchta koi un panno tak.... bahut khoob pooja .....

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  11. aap sabhi ka bahut-bahut dhnyawaad...
    @Sanjay ji... bas koshish kartee hoon, par aapne kuchh jyada hi tareef kar di
    @Dipti... sure
    @Sanjeev ji... yes
    @Monika ji... yahi to dikkat hai, thank you

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  12. thank you so much Veerendra...

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