जैसा की मैंने आप सभी को अपने प्रीलिम इंटरव्यू के बारे में बताया था... तो बनी बात है की आज नहीं तो कल रिसल्ट भी आना ही था...
फ़ोन बजा, माँ ने उठाया...
चाचा का था...
"हाँ अरुण"... माँ न कहा, अरुण मेरे तीसरे नंबर के चाचा का नाम है, और वो ऐसे मामलों में हमारे सबसे करीब हैं...
तो चाचा और माँ की जो भी बात हुई हो। मुझे जो पता चला वो ये, कि लड़के की तरफ से हाँ है, न तो उसकी कोई डिमांड है और न ही और कोई मांग। बस वो मुझसे बात करना चाहता है और चाहता है कि मै शादी के बाद जॉब न करूँ।
जॉब न करूँ? पर क्यूं? जॉब और शादी का क्या कनेक्शन है?
"कैसा बकवास लड़का है?" तुरंत मेरे मुंह से निकला... और माँ का पारा हाई...
मै समझ गयी माँ गुस्सा हो गयी हैं...और मुझे समझाया कि मैं एक बार उससे बात तो करून... खैर, माँ गुस्सा देख मैं तो चुपचाप वहां से खिसक गयी
उनका गुस्सा होना लाजमी भी था, आख़िर वो उनकी सहेली औए पापा के दोस्त का लड़का था, वो घर में सभी को पसंद था... आख़िर उसकी लम्बाई जो इतनी थी... मुझे मैच करता था।
मगर ये सोच... न बाबा न... मुझसे तो नहीं हो पाएगी ये शादी भई।
मैनें भी तुरंत अम्मा; अम्मा यानि मेरी बड़ी माँ, हमारे यहाँ ऐसे फैसले सभी की रजामंदी से होते हैं, वो घर के बड़े हैं और मैं उनकी लाडली; हाँ तो मैंने तुरंत अम्मा को फ़ोन किया और सीधे पूछा "और कोई गन्दा लड़का नहीं मिला था आपको मेरे लिए?" आवाज़ ज़रा-सी रोनी और लाड़ वाली कर ली थी... भई नौटंकी जो करनी थी और उन्हें पटाना जरूरी था...
अम्मा ने कहा "तुम चिंता मत करो, यही बात मुझे भी परेशान कर रही है। आने दो तुम्हारे बाबूजी को मैं बात करती हूँ"। बाबूजी यानि मेरे बड़े पापा, माँ कहती है कि मुझे उन्हीं के लाड़-प्यार ने बिगाड़ रखा है...
पर चलो... अम्मा न खुद भी यही सोचा... सो अब मै पूरी तरह से बेफिक्र हूँ... क्योंकि मुझे तो वो पहले से पसंद नहीं था... मैं क्या, मेरी बहनों न भी उसे रिजेक्ट कर दिया था... बस ये सोचिये कि मज़ा आ गया...
जॉब मत छोड़ना.जॉब से confidence बढ़ता है.
ReplyDelete@कुंवर जी... thank you so much
ReplyDeleteजी बिल्कुल... तो वैसे भी जॉब के ही favour में हूँ... उसे कोई problem है तो वो अपनी छोड़ दे...
waah.....achha kiya
ReplyDelete@Mam... Thank you so much Mam...
ReplyDeleteaae haye. ye hui na baat, so atlast toone us Champu ko reject karwa hi diya gharwalon se bhi. Thts y we call you a ROCKSTAR
ReplyDeleteबहुत अच्छे :) जॉब बिलकुल मत छोडना .जिसे नहीं चाहिए खुद छोड़ दे .
ReplyDelete@Archi...Yes, this time I'm accepting, that I did it...
ReplyDeletethanx a ton dear...
@शिखा जी... धन्यवाद... मै भी यही सोचती हूँ...
ReplyDeleteपहली बात यह टैम्पलेट अगर केवल रिजल्ट की इस पोस्ट के लिए लगाया है तो ठीक है। वरना इसे बदल देना। क्योंकि पढ़ने में बहुत व्यवधान पैदा कर रहा है।
ReplyDelete*
दूसरी बात जब आपको लड़का पसन्द ही नहीं है तो वह जॉब करने दे या न करने दे उसकी इस सोच से कोई अन्तर नहीं पड़ता। हां प्राथमिकता जॉब करने की नहीं आत्मनिर्भर होने की या आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की होनी चाहिए। पर जॉब करनी ही नहीं है या करने की स्वतंत्रता नहीं है यह तो गलत बात है। तो आपका फैसला सही है।
*
तीसरी बात आपने कहा उसे जॉब छोड़नी है तो छोड़ दे। सचमुच यह फैसला तो उसे ही करना है। पर फिर भी आपका फैसला तो नहीं बदलेगा न। मेरे ख्याल से जितना मैंने आपको समझा है आप किसी ऐसे लड़के से भी विवाह नहीं करेंगी,जो आत्मनिर्भर होने की बजाय आप पर निर्भर हो जाए।
@राजेश जी... सर्वप्रथम आपकी तीसरी बात के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद, की आपने मुझे इतना समझा... बात एकदम खरे सोने जितनी सच है...
ReplyDeleteरही मेरे जॉब छोड़ने की बात तो, ऐसा वो इसलिए चाहता है क्योंकि उसे लगता है की लड़कियों का जॉब करना सही नहीं है, जबकि उसकी माँ खुद working woman हैं...
और template की जहाँ तक बात है, जी मैं उसको edit जरूर करूंगी पर अभी बदलने का विचार तो बिल्कुल भी नहीं है...
आपके इस appreciation के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद...
wah pooja
ReplyDeleteye hui na baat brilliant..
i m proude of my sister
ladke ko jab chodhni hai to chod de par meri behan kabhi job nahi chodegi......keh dena ladke se ........
ReplyDeletesanjay bhaiya ka hukam hai.
Hame bhee maza aa gaya! Apni aatm nirbhartaa kabhi mat chhodna!
ReplyDeleteपूजा गृहस्थी और फंतासी में अंतर होता है.. अपनी माँ से भी बात कर लें इस बारे में.. वरना ब्लॉग पर आपको बहुत सलाह मिलेंगे... मेरे हिसाब से जॉब और कोंफिड़ेंस में बहुत प्रत्यक्ष सम्बन्ध नहीं है... सुखद और सफल जीवन की शुभकामना सहित....
ReplyDeleteआप अपनी मर्जीं से जीवन साथी चुने और जाब भी करें. बस यहीं कहना चाहूंगा.
ReplyDeleteउसे ही जॉब न छोड़ने के लाभ समझाइये, दोनों के जॉब करने में समस्या तब ही आती है जब बच्चे छोटे होते हैं। आशा है उन्हे समझ में आना चाहिये। आप पर भी यह निर्भर करता है कि वह आपको कैसे लगते हैं, व्यक्तिव्य के अनुसार।
ReplyDeleteपूजा जी आपने जो भी किया वह आपका व्यक्तिगत निर्णय है!और जहा तक मुझे लगता है की आप की सोच आपके विचारो से आपको कोई भी डिगा नहीं सकता !वैसे मै अरुण जी की बातो से सहमत हु !आपको सलाह देने वाले बहुत मिलेंगे परन्तु आपको अपने माँ पापा की बातो को भी समझना चाहिए उन्होंने दुनिया देखी है!खैर जब भी बात पक्की हो विवाह में अवश्य बुलाइएगा!
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ReplyDeleteपूजा मुझे तो पक्का विश्वास है कि यह पोस्ट आपने इस मुद्दे पर सलाह मांगने के लिए नहीं लगाई है। और न आपने ऐसा कुछ लिखा है। फिर भी अगर कुछ लोग सलाह दे रहे हैं तो उन पर आप अपने विवेक से ही विचार करेंगी। इस मुद्दे पर आप स्वयं निर्णय लेने के लिए सक्षम हैं। यह मेरा मानना है।
ReplyDelete@ अरूण जी फंतासियां इसी दुनिया के लोग यानी गृहस्थ ही बनाते हैं। दूसरी बात कांन्फिडेंस यानी आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता दो अलग अलग शब्द और बातें हैं। किसी भी जॉब के लिए आत्मविश्वास होना पहली अनिवार्यता है। और जॉब आपको आत्मनिर्भर बनाता है।
आप की सोच परिपक्व है, और विचारों में आत्मविश्वास।
ReplyDeleteविवेक जाग्रत है, और निर्णय शक्ति भरपूर!!
अब हमे तो आपके निर्णयो पर भरोसा है।:-))
सही निर्णय लिया है पूजा……………अपनी पहचान और स्वाभिमान के लिये कभी समझौता नही करना चाहिये।
ReplyDelete@भैया, क्षमा जी, अरुण जी, ज़मीर जी, प्रवीण जी, अमरजीत जी, राजेश जी, सुज्ञ जी... आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद...
ReplyDelete@अरुण जी... धन्यवाद... परन्तु मुझे लगता है की हमें एक ही जीवन मिलता है और हमें उसी में अपने सारे कर्म करने हैं और सारे फ़र्ज़ अदा करने करने हैं, चाहे वो खुद के लिए हों या फ़िर अपनों के लिए...
और रही जॉब से कांफिडेंस का सम्बन्ध होना, तो प्रत्यक्ष नहीं है परन्तु है... ज़रा आप खुद को बिना जॉब के सोच कर देखिये... और न जाने इस देश में कितनी लडकियां जॉब भी कर रहीं हैं और गृहस्थी भी बखूबी चला रहीं हैं, कुछ तो और भी कार्यों में संलग्न रहतीं हैं... मेरे पापा का मानना है की लड़कियों को जॉब अवश्य करनी चाहिए, इससे वो और भी मजबूत होतीं हैं... धन्यवाद...
@प्रवीण जी... जो लड़का अपनी माँ की नहीं सुनता वो मेरी क्या सुनेगा... और रही बात उसके व्यक्तित्व की तो जो ये सोचे की महिलाएं केवल घर में रहने के लिए बनीं हैं... आगे आप खुद ही सोच लीजिये... धन्यवाद...
@अमरजीत जी... क्या आप लोगों को भी न्योते की जरूरत होगी... चलिए यदि आप कहते हैं तो मैं अभी से आपको invite कर देती हूँ...
@राजेश जी... पुनः... बहुत-बहुत धन्यवाद...
@वंदना जी... सहमती के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद...
ReplyDeleteअच्छा निर्णय ...और आप खुशकिस्मत भी है की परिवार के बहुत से लोग आपके साथ है .....
ReplyDelete@मंजुला जी... बहुत-बहुत धन्यवाद... मेरी माँ भी यही कहतीं हैं...
ReplyDeleteभैया आपके साथ है .....
ReplyDeleteमाना राहें मुश्किल है
ReplyDeleteदुश्मन कुछ अपने भी हैं
दिन में आँखों में आसूँ है
रैन में कुछ सपने भी हैं
क्या करना है तुमको
ये ना दुनिया बतलायेगी
मुफ्त की सलाहें दे देकर
हौसलों को बस बिखरायेगी
जो दिल चाहे वो कर ले
उठा लो बस तुम अपने कदम
जो तेरी ही राहों पे चले
मिल जायेगा तुमको वो हमदम
@अर्पण जी... बहुत-बहुत धन्यवाद...
ReplyDelete----वास्तव में अरुण राय की यह बात भी सही है कि जोब व कान्फ़ीडेन्स में अधिक अन्तर नहीं है, यूंहीं ,अतार्किक सलाह देने वाले तो ब्लोग पर तमाम मिल जायेंगे जिसकी कोई इम्पोर्टेन्स नहीं है. पत्नी का जोब करना भी इतना महत्वपूर्ण नहीं है,महत्वपूर्ण है जीवन सुन्दरता, सार्थकता व शान्ति से व्यतीत होना जो पत्नी के विना नौकरी किये भी हो सकता है,लडके से नौकरी छोडने को कहना एक दम गलत है,( यह आपके अहं द्वारा पुरुष अहं को ललकारने जैसी की बात है ) परन्तु यह बात लडके को लडकी से बात करके दोनों का सम्मिलित निर्णय होना चाहिये न कि शर्त, जो एक दम गलत है और इस बिन्दु पर आपका अपना कान्फ़ीडेन्स व निर्णय उचित है। मानव व्यवहार में कोई नियम नहीं होता, प्रत्येक बिन्दु पर परिस्थिति-अनुसार निर्णय लिये जाने चाहिये।
ReplyDelete@डॉ,श्याम जी... सर्वप्रथम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद... परन्तु मुझे ऐसे कमेंट्स अजीब लागतें हैं जहाँ कमेंट्स की वैल्यू न के बराबर बताई जाती है परन्तु तब भी समझाइश अच्छे से दी जाती है... खैर, ये आपका ओर मेरी सोच का फर्क है... रही बात यहाँ कमेंट्स की, तो शायद आपने 'राजेश जी' का कमेन्ट नहीं पढ़ा, मैंने ये बात सभे से शेयर करने के लिए ये पोस्ट लगी थी... परन्तु चलिए आपने ये तो मन कि पुरुष अहम् प्रधान होते हैं... ओर शर्त मैं नहीं वो रख रहा था... फ़िर से आने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद...
ReplyDeleteबाप रे ,ये बागी तेवर :)
ReplyDelete@अरविन्द जी... बागी नहीं बल्कि खुद के फैसले...
ReplyDeleteShadi aur job se koi sambandh nahi hona chahiye.
ReplyDeleteRahi bat ladke ki to o bina job ke ap par nirbhar ho jaye to log use tane de-de kar mar denge.
jabki apke sath aisa nahi hoga...!
Aur di ... purush aur mahila ka vivad to ana hi nahi chahiye..
Ahankar sabke andar hota hi..
bas kisi ka dikh jata hi koi daba kar rakhta hi.
waise apke faisale me ham bhi apke sath hin.