तो हम वापस आ गए...

हाँ जी...
तो दिवाली भी आ कर चली गयी, दिए भी स्टोर-रूम पहुँच गए, मिठाइयाँ भी ख़तम हो गईं, सब अपने-अपने काम में वापस लग गए... बस झालर की सजावट अभी भी वहीँ है, वो भी सिर्फ छोटी दिवाली यानी एकादशी तक... उसके बाद वो भी स्टोर में चली जाएगी... और हम भी घर से वापस कार्यस्थल आ गए...
जब मेल बॉक्स चेक किया, बड़ा अच्छा लगा... ढेर सारी बढ़ियाँ आईं थीं... मुझे बड़ी ख़ुशी होती है जब लोग मुझे याद रखते हैं... उन सभी लोगों को ढेर सारा शुक्रिया...
इस दिवाली कुछ नया करने की सोची थी, बहुत कुछ किया भी... जैसे, मिठाइयों की जगह फलों का उपयोग, मोमबत्तियों की जगह दीयों का उपयोग, और भी बहुत कुछ... लोगों को भी समझाने की कोशिश की, कुछ न सुनी, कुछ न समझी और कुछ वही पुराने, न सुनना न समझना" वाले फंडे में चले... खैर... उनसे मुझे ज्यादा फर्क भी नहीं पड़ता... पर कुछ लोगों के ऊपर गुस्सा भी आया, उनका टॉपिक ही नहीं बदला। जबसे घर आए, और जब तक चले नहीं गए, तब तक सिर्फ एक ही राग अलापते रहे... "पूजा की शादी"। मन तो आया कि पूछ लूं, कि उन्हें क्यूं इतनी चिंता है, उनके घर में भी तो लडकियां हैं उन्हें देखें... लग ही नहीं रहा था कि दिवाली मानाने आए हैं, लग रहा था जैसे मेट्रीमोनिअल वाले घर आ गए हों... और होड़ लगी हो कि ये कांट्रेक्ट किसे मिलता है... एक महाशय तो एक कदम और आगे, कहने लगे "न हो तो एक बार लड़का-लडकी मिल लें फ़िर देखा जाएगा, लड़का अभी घर आया हुआ है, कल ही मिलवा देते हैं दोनों को"... अरे, अच्छी जबरजस्ती है...
हे भगवन!!! कुछ लोग वाकई "इम्पोसिबल" होते हैं... खैर, बच गयी मैं, जिसने अपने-आप पर काबू रखा, "अतिथी देवो भवः" जहाँ में रखा... वरना अच्छी खासी इमेज का तो कचड़ा होना पक्का था...
पर समझ नहीं आता, कि लोगों को दूसरों की लड़कियों की इतनी चिंता क्यूं होती है?? भई, तुम्हारे घर में भी बच्चे हैं, उन्हें देखो, उनकी चिंता करो... और क्या शादी ही एक काम बचा है करने को... जब होनी होगी तब हो जाएगी...
हटाइए... जो होगा देखा जाएगा...
पर अच्छा तो ये था कि जो कुछ नया करने को सोचा था, उसमे बहुत कुछ सफल हुए... और आशा करती हूँ, आप सभी की भी दीपावली बहुत अच्छी हुई होगी...

24 comments:

  1. मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है ,जहाँ भी सामाजिकता की बात आयेगी उसके जींस हिलकोरे लेने लगते हैं !:)

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  2. जी अरविन्द जी... बिल्कुल सही कहा आपने, भले उन हिलोरों से किसी का दिमाग ख़राब हो जाए... की फरक पैंदा है...
    बहुत-बहुत धन्यवाद...

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  3. Thank you so much Rajesh ji...

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  4. Kuchh to log karenge aur kahenge!
    Fruits are an excellent option for sweets!But,oh! How I love sweets!

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  5. @Kshama... yah, thts true... thank you so much...
    I got fruit option from one blogger only.... and didn't replaced sweets completely...

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  6. स्वागत है जी भई उनकी भी चिंता तो चिंता है ही ..चलिए आपका आना ..नहीं वापस आना ....अच्छा लगा

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  7. @ स्वागत है पूजा
    अरे वह मिठाईया खत्म हो गई पर मैं तो इंतजार कर रहा मिठाई और पूजा बहन का

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  8. @अजय जी, भैया... बहुत-बहुत धन्यवाद...
    @भैया... नहीं भई, आपके लिए कैसे ख़त्म हो सकती है, आप जब बोलो ताजी-ताजी मिठाइयाँ बनेगीं...

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  9. @ zaroor pooja
    kabhi to mauka milega hi...bahan ke hantho mithai khane ka

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  10. कुछ लोग ऐसे होते है" सारे जहाँ का दर्द उनके जिगर में क्यों " स्वागत है आपका

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  11. @सुनील जी... बहुत-बहुत धन्यवाद... जी शायद वो दूसरे गृह के प्राणी होते हैं...
    @भैया... मैं तो वहीं थी...

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  12. @ धन्यवाद पूजा जी.
    आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं

    संजय भास्कर

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  13. पूजा जी, पड़ोसियों का काम न छीनिये. बेचारे फिर करेंगे क्या?

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  14. पूजा जी ये तो सोचिये की लोग आपके बारे में कितना ध्यान रखते है और ये सोचिये की कही हम ब्लॉग मित्र भी आपकी शादी के बारे में सोचने लग गए तो क्या होगा .......नहीं नहीं मै तो मजाक कर रहा था!

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  15. welcome back puja ji.ummid hai dipawali yaadgar rahi hogi..........

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  16. आपको दीवाली की बहुत शुभकामनायें।

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  17. बड़ी natural और अनौपचारिक पोस्ट बनाती हैं आप. कोई बनावटीपन, दिखावा या कमेन्ट बटोरने की चालबाजी नहीं,ये आपके व्यक्तित्व की खूबी है जो आपको पता नहीं.good.

    कुँवर कुसुमेश

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  18. @वंदना जी, अमरजीत जी, भाकुनी जी, प्रवीण जी, कुंवर जी, मुस्कान जी... आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया...
    @वंदना जी... आप तो विन्ध्य की ही हैं तो आपको पता होगा की काम मोहल्ले वाले बस नहीं बल्कि पूरा शहर करने लगता है... धन्यवाद...
    @अमरजीत जी... जी, ऐसा मजाक मत करिए, दिल बैठ जाता है... जानती हूँ की मेरी ब्लोगर मंडली मेरे साथ सदैव है... धन्यवाद...
    @प्रवीण जी... धन्यवाद... जी आपको भी...
    @कुंवर जी... प्रोत्साहन के लिए सहृदय धन्यवाद... आशीर्वाद बनाये रखें...

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