जी हाँ... सही कह रही हूँ, कल मेरा प्रीलिम इंटरव्यू था, यानि प्रथम चरण...
अब आप सोचेंगे की कैसा इंटरव्यू और कैसा प्रथम चरण???
तो जैसा कि मैंने अपनी पिछली पोस्ट में मैनें "पूजा की शादी" वाली चर्चा का ज़िक्र किया था... तो कुछ लोग कुछ ज्यादा ही तेज़ निकले, अभी बात भी नहीं हुई कि घर ही पहुँच गए... उनका कहना था की उन्हें दिवाली की शुभकामनाएं देने आना है। माँ-पापा को सबकुछ पता था कि वो लोग क्यूं आ रहे हैं, पर मुझसे किसी न कुछ नहीं कहा। वो लोग ये तो कह नहीं सकते थे की मुझे देखने आ रहे हैं, क्योंकि देख तो मुझे कई बार चुके थे, आए तो बस मेरा मंतव्य जानने थे। मुझे यहाँ से इतनी दूर; 180 किमी बुलाया, सोचिये ज़रा रात में, म.प्र. की सड़कें और दूसरे दिन अचानक पता चले की लड़के के माँ-बाप आपको देखने आ रहे हैं, क्या हालत होगी? सबसे ज्यादा गुस्सा तो माँ-पापा पर आया कि "आप लोग तो मुझे बता सकते थे न?" खैर...
पर जैसा मैंने सोचा था वैसा तो कुछ हुआ ही नहीं... न मुझसे कोई सवाल न जवाब... बस आए, बैठे, गप्पे मारी, खाना खाए और चले गए। बस एक लडकी; जो लड़के की चचेरी बहन थी; वो मुझे घूर-घूर कर देख रही थी... न जाने क्या खोज रही थी, या मैं उसे दूसरे गृह की लग रही थी...
अब आप सोचेंगे कि जब कोई सवाल-जवाब हुआ ही नहीं तो मैंने इसे प्रीलिम इंटरव्यू क्यूं कहा? वो इसलिए क्योंकी अभी लड़के के माँ-पापा आए हैं, जो प्रीलिम स्टेज थी, फ़िर लड़का और उसकी बहन आयेंगे, जो मेन्स यानि सेकोन्दरी एंड फिनाल इंटरव्यू होगा। ऐसा लगता है जैसे शादी न हो गयी "लोक सेवा आयोग" के एक्साम्स हो गए.
क्या प्रोब्लम है इन लोगों का? एक बार में नहीं आ सकते क्या? खैर जो होगा देखा जायेगा... अभी तो मैं बस अपने काम पर और थोडा-सा लिखने पर ध्यान देना चाहती हूँ...
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ReplyDeleteतुम्हारी शानदार व्यक्तित्व और उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनायें !
ReplyDeleteनिखालिस ब्लागिंग -वीर तुम बढी चलो ..शुभकामनाएं !
ReplyDelete@सतीश जी, अरविन्द जी... धन्यवाद...
ReplyDeleteआप की बातों में खुलापन(openness) आपके व्यक्तित्व की पहचान है.
ReplyDeleteइस गुण के कारण कोई आपको आसानी से धोखा नहीं दे सकता इस छल- कपट की दुनिया में.
keep it up.
शादी के लिए आपके विचारों से मेल खाता अच्छा वर मिले, मेरी शुभकामना है
@कुंवर जी... बहुत-बहुत धन्यवाद... बस यूँही आशीर्वाद बनाए रखें...
ReplyDeleteकभी कभी थकाने वाली यात्राओं के निष्कर्ष उत्कृष्ट होते हैं।
ReplyDelete@प्रवीण जी... जी, उत्कृष्ट एवं खतरनाक... धन्यवाद...
ReplyDeleteचलिए इंटरव्यू का दौर प्रारम्भ हो गया प्रीलिम फिर मेंस वाह भई वाह लोकसेवा आयोग की परीक्षा! लगता है अब फ़ाइनल सेलेक्सन हो कर ही रहेगा वैसे आपकी पोस्टिंग कौन से शहर में होने वाली है!
ReplyDeleteलगी रहो…………ये सब लगा रहता है।
ReplyDeleteमेरी बास बनके कब आना होगा बेटे
ReplyDeleteअग्रिम बधाईयां
1. ब्लाग4वार्ता :83 लिंक्स
2. मिसफ़िट पर बेडरूम
3. प्रेम दिवस पर सबसे ज़रूरी बात प्रेम ही संसार की नींव है
लिंक न खुलें तो सूचना पर अंकित ब्लाग के नाम पर क्लिक कीजिये
Like your life partner we all hope that you will never give up the pen.
ReplyDeleteये लोक सेवा आयोग नहीं लोग सेवा आयोग की परीक्षाएं हैं। ये तो देना ही होंगी। अब यह आपके कौशल पर है कि कितनी दिनों तक उसमें फेल होते रहें।
ReplyDelete@अमरजीत जी, वंदना जी, गिरीश जी, संजीव जी, राजेश जी... अप्प सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद...
ReplyDelete@अमरजीत जी...मेरे माँ-पापा अपने बच्चों से कुछ ज्यादा ही प्यार करते हैं, इसलिए आज नहीं तो कल वो मेरी पोस्टिंग उसी शहर में करवाएंगे जहाँ के वो हैं...
@वंदना जी... जी...
@गिरीश जी... आपकी बास??? और वैसे भी आप तो जबलपुर के हैं, मेरा सबसे प्यारा शहर... वहां के हाल-चाल देते रहिएगा...
@संजीव जी... same here...
@राजेश जी... आप लोगों का आशीर्वाद रहा तो कभी फेल नहीं होऊँगी... धन्यवाद...
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क्या ऐसा नहीं हो सकता कि फाईनल इन्तेर्वयू लेने वालों का अंतिम चयन आप स्वयं ही करें? आखिर आपको भी तो वीटो करने की पॉवर होनी चाहिए. अश्विनी रॉय
ReplyDelete@अश्विनी जी... बहुत-बहुत धन्यवाद... जी, आखिरी फैसला मेरा ही होगा, लेने दीजिये उन्हें जितने भी इंटरव्यू लेने हैं...
ReplyDeletedont worry ji जो होगा अच्छा ही होगा जी
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