आज मैं यहाँ अपनी कोई राचन लेकर नहीं बल्कि प्रसिद्द कवि, और जो प्रसिद्द रचनाकार भी हैं, जी, "हरिवंश राय बच्चन जी" की ही बात कर रही हूँ. शायद ही आज संपूर्ण भारतवर्ष में इनके नाम से कोई अछूता हो। खैर... पर आज मैं उनकी एक रचना "आत्मपरिचय" की कुछ अंश लेकर प्रस्तुत हुई हूँ, जिन्होंने मुझे बहुत अन्दर तक छुआ... और शायद हर लिखनेवाले की व्यथा यही है...
मैं रोया, इसको तुम कहते हो गाना,
मैं फूट पड़ा, तुम कहते हो, छंद बनाना;
क्यों कवि कहकर संसार मुझे अपनाए,
मैं दुनिया का हूँ एक नया दीवाना!
मैं दीवानों का वेश लिए फिरता हूँ,
मैं मादकता निःशेष लिए फिरता हूँ;
जिसको सुनकर जग झूम, झुके, लहराए,
मैं मस्ती का सन्देश लिए फिरता हूँ!
आशा करती हूँ आपको भी इन पंक्तियों न छुआ होगा... और इन्हें प्रस्तुत कर मै सफल हुई होंगी।
इन्हें पढ़ मेरे मन में जो आया वो कुछ इस प्रकार था...
"जो गीत तुमने गुनगुनाया, ऐसा लगा मनो
मेरा हाल-ऐ-दिल गा रहे हो
अभी जो तुमने राग सुनाया, ऐसा लगा मनो
मेरा ही तो रुदन सुना रहे हो
कैसे यूं समझ लेते हो, यूं लिख लेते हो तुम
मेरे ह्रदय की पीड़ा को
अभी जो तुमने करुण चित्र दिखाया, ऐसा लगा मनो
मुझे मेरा ही अक्स दिखा रहे हो..."
सुंदर चयन और उतना ही सुंदर प्रयास।
ReplyDeletepooja ji..meri ghazal pasand karne ke liye shukriya !!
ReplyDeletebut ur talent is absolutely clear in the poem, u wrote here and on my post. its really amazing of u to express urself out of other poems or nazm...
truly brilliant..
keep writing..all the best
bahut badhiya post... atm parichay bahut achha lagaa.
ReplyDeleteHamesha bahut khoob likhtii hein aap...
ReplyDeletebadhaayee...blog par aane aur comments dene ke liye bahut shukriya.
doosri roobai ne behad chhua!!waaaah!!!!
ReplyDeleteaap sabhi ka bahut-bahuut shukriyaa...
ReplyDelete@Robin... thank you so much... I just try to express and sometimes just can't resist myself...
bahut sundar prastuti
ReplyDeletepaglat kuch nahi aata hai toh mat bola karo
Deletevery bad poem need some improvement. You should have taken help from me . I will protest against this poem samjhe बच्चनva
ReplyDeletevery bad poem need some improvement. You should have taken help from me . I will protest against this poem samjhe बच्चनva
ReplyDelete