वो धतूरे का फूल...
ये पीले धतूरे का फूल है... मेरे घर में खिला था। एक्चुली ये आया तो था मामाजी के लिए, उन्हें भगवान से जुड़े फूल-पत्ती घर में लगाने का बड़ा शौक है, कहीं से कुछ पता चलता है वो मंगवा लेते हैं। चाहे वो पीला धतूरा हो या सफ़ेद पलाश। परन्तु किसी करणवश ये मामा के घर जा नहीं पाया था... हम पहुंचा ही नहीं पाए थे, और वो भी नहीं कि ले जाएँ। इसी बीच उसमें ये फूल खिला, जो थोड़ा अजीब-सा लगा था, क्योंकि इसमें एक कि जगह तीन फूल एक के अन्दर एक थे। ये बात पहले समझ नहीं आई थी, जब इसमें केवल कलियाँ थीं, परन्तु जब फूल खिला तब समझ में आया, और बिना देर किये मैंने इसे अपने कैमरे में कैद कर लिया। और आज इसे आप सबके सामने प्रस्तुत भी कर दिया... हो सकता है कि आपमें से कुछ ने ऐसा कुछ कहीं देखा हो, परन्तु मेरे और मेरे परिवार के लिए ये पहला अनुभव था, सो आप सभी के साथ बाँट रही हूँ...
मिलती हूँ अगली पोस्ट में...
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हमारा भी पहला ही अनुभव है.आभार तस्वीर बांटने का.
ReplyDeleteहमने भी आज पहली बार धतुरे का फ़ूल देखा
ReplyDeleteएक के अंदर तीन फूल। यह तो दुर्लभ संयोग लगता है। अगला फूल आए तो उसका भी चित्र लें। देखें वह भी ऐसा ही है या एक ही है।
ReplyDeleteGuinness book me baat kare kya.. culd be some thing never recorded
ReplyDelete@Udan Tashtari ji, Vivek ji, Rajesh ji, Ankur... thank you so much...
ReplyDelete@Udan Tashtari ji... koshishen jaari rahengi
@Vivek ji... ham dhature ka phool pahle dekh chuke the, parantu aisa pahle baar dekha tha
@Rajesh ji... ji bilkul...
@Ankur... Please you do this favour to me... may be, there is nothing in taking chance... ;)
बहुत शानदार पोस्ट...
ReplyDelete@mahfooz ji... thank you so much sir...
ReplyDeleteबेहद ही खुबसूरत और मनमोहक…
ReplyDeleteआज पहली बार आना हुआ पर आना सफल हुआ बेहद प्रभावशाली प्रस्तुति
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
मैं तो ढूंढ ढूंढ कर थक गया पर मुझे कही नहीं मिला पीले-धतूरे का फूल
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