यूँ न पूछो...

न पूछो हमसे बीती रात का आलम...
बिस्तर की सिलवटें सारा हाल बयाँ करतीं हैं...




5 comments:

  1. do lafzon ki kahani .... kitne saare ehsaas , salwaton me kaid kitne saare sapne aur haqeekat

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  2. रचना बहुत शानदार है
    स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आपका हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ.

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  3. @Ratnakar ji, Mithilesh ji, Rashmi mam, Sanjay ji... aap sabhi ka bahut bahut dhanyawaad...

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