काश ज़िंदगी में भी रिवर्स गेयर होता...
कार, जीप या और कोई वाहन... आज हमारी ज़िन्दगी का बहुत ही ज़रूरी अंग... स्कूल, ऑफिस, बाज़ार, या किसी रिश्तेदार के घर ज़रुरत किसी-न-किसी वाहन की ही पड़ती है, और पड़े भी क्यों न, आजकल सब-कुछ इतनी दूरी पर जो हो गया है...
तो कुल मिलकर आप सभी किसी-न-किसी वाहन का ऊपयोग तो करते ही होंगे, और अधिकतर तो खुद ही ड्राईव भी करते होंगे... वाकई, खुद ड्राईव करने में जो मज़ा है न, वो शब्दों में बयां कर पाना थोडा मुश्किल है, शायद उस ड्राईवर सीट में ही कुछ ख़ास है जो इंसान उसकी ओर बस खिंचा चला जाता है... खैर... याद करिए जब भी कहीं जाते हैं, तो यदि कोई सामान पीछे छूट जाये, या चलते-चलते यूँही कुछ अच्छा दिखाई दे जाये जिसे दुबारा देखना हो या... या फिर कभी धोखे से गाड़ी में या गाड़ी से कुछ टकरा जाये, जिसके लिए आपको उतर कर देखना पड़े या आगे भारी भीड़ हो और आपको जल्दी कहीं पहुँचना हो और आपको दूसरा रास्ता; जिसके लिए आपको थोडा वापस जाना पड़े; पता हो... तो हाँथ यूँही, अपने आप बैक गेयर लगा देते हैं... कितनी अच्छी व्यवस्था है न... हमें कितनी आसानी होती है कि बस हमने कुछ सुधारना चाहा और लो हो गया...
काश... ऐसा ही एक गेयर हमारी ज़िन्दगी में भी होता... जब भी ऐसा लगता कि पीछे कुछ छूट गया है, तो बस बैक गेयर लगाया और पहुँच गए उस पल में जहाँ कुछ छूट गया था और समेत लिया वो जो छूट गया था... कितना अच्छा होता न, जब भी लगता की कोई ऐसा पल है जो दुबारा जीना है, तो ज़िन्दगी डाली रिवर्स गेयर में और जी लिया वो हसीन और खुशियों से भरा पल... कई बार जब हम कुछ गलत कर रहे होते हैं, तब हमें उस गलती का अहसास नहीं होता, हमें लगता है जो हम कर रहे हैं वो सही है... या कह लें की कई गलतियां तो हम यूँही नादानी में या बचपने में कर बैठते हैं... पर हमें उन गलतियों का अहसास होता है, फर्क बस इतना होता है कि जब गलती महसूस होती है तब हमारे हाँथ में कुछ नहीं होता, तब तक हम बहुत आगे आ चुके होते हैं, यदि कुछ होता है तो सिर्फ एक तम्मना कि काश हमने उस वक़्त ये न करके वो किया होता; मतलब जो गलत किया वो न करके वो किया होता जो सही है; पर ऐसा नहीं कर पाते, या कहें तो हो ही नहीं सकता... पर सोचिये कि यदि रिवर्स गेयर होता, और हम पीछे जा सकते तो... तो फिर हम उसी पल में जाते और वो करते जो नहीं किया, यानि वो करते जो उस वक़्त सही होता... पर अफ़सोस नहीं हो सकता...
क्यों??? क्योंकि ये ज़िन्दगी है... जो चलती गाड़ियों जैसी ही है, पर बिना रिवर्स गेयर के... और इस गाड़ी में ब्रेक भी नहीं होता है... इसका इंजन एक बार स्टार्ट होता है जब हमारा जन्म होता है... और बंद भी एक ही बार होता है... इसकी स्पीड हमेशा एक ही रहती है{ वो बात अलग है कि हमें ऐसा नहीं लगता}, हाँ, इसकी स्टेयरिंग जरूर हमारे ही हाथ में होती है, जो हमारे कर्म होते हैं... तभी तो रास्ते भी हम ही चुनते हैं... कर्म अच्छे रहेंगे तो हाइवे मिलेगा और बुरे कर्म को तो पगडण्डी, पहाड़ और जंगल ही नसीब होगा... कुछ गाड़ियों कि बीच-बीच में सर्विसिंग भी होती है, वो भी उन्ही कि गाड़ियों कि होती है जो इसका ठीक तरह से ध्यान नहीं रखते... पर ज्यादा गलती नहीं है उनकी क्योंकि आज कल के इंधन में मिलावट भी तो बहुत रहती है, आए-दिन खबरें सुनने को मिलती हैं... पर कई तो इससे जानबूझ कर ख़राब करते हैं, वो लोग कुछ अलग ही तरह का इंधन इस्तेमाल करते हैं जो इसके अलग-अलग पुर्जों को नुक्सान पहुँचाता है... जैसे सिगरेट, शराब, ड्रग्स... वगैरा-वगैरा... तो यदि जान कर ही गलत इंधनों का इस्तेमाल होगा तो गाड़ी को तो ख़राब होना ही है न... खैर...
ये गाड़ी जिस रास्ते पर चलती है उसमे उतार-चढ़ाव भी होते हैं... दुःख होते हैं चढ़ाव जहा ऐसा लगता है कि हमारी गाड़ी धीमी हो गयी है और हम उससे जल्द-से-जल्द निकलना चाहते हैं... और सुख होते हैं उतार, जहाँ रुकना भी चाहें तो गद्दी सटाक से आगे बढ़ जाती है... जब हमारी गाड़ी को चढ़ाई पार करने में दिक्कत होती है तब भगवान, हमारे माता-पिता, भाई-बहन, दोस्त- रिश्तेदार... जो हमारे अपने हैं... वो सब मिलकर धक्का लगाते हैं और हमारी गाड़ी चढ़ाई पार कर जाती है... और जब ढलान आती है तो हम अपने सभी अपनों को लेकर हल्ला करते, मस्ती करते, जश्न मानते आगे बढ़ जाते हैं...
पर आगे बढ़ने के बाद भी कभी-कभी लगता है कि काश एक रिवर्स गेयर होता और हम वापस वहीँ पहुँच जाते...
पर एक चीज आज भी हमारे पास है और हमेशा रहेगी... हमारी मुस्कान... जो हमारा और हमारे अपनों का बहुत बड़ा संबल है... और इस गाड़ी का बहुत ख़ास इंधन भी...
So... keep smiling...
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badhiya....sab yahi chahte hain...par hota kahan hai...
ReplyDeletekalpanao se achchha vastvikta ke dharatal pr jeena hai.
ReplyDeleteaur kya bcha hai riverce gear me ...kalpanao me jha chah rhi ho vhi to pahuch rhi ho..
@Dilip... thank yo so much, yahi to baat hai ki hota nahi hai...
ReplyDelete@sanjukranti...thank you so much, aap khud hi dono baatein kah rahe hain, par kalpanaye matra kalpane hi hoti hain, sachhai se unka rishta bohot kam hota hai, parantu hamari tamannao ke liye khula aasmaan bhi wahi hai
इसका इंजन एक बार स्टार्ट होता है जब हमारा जन्म होता है... और बंद भी एक ही बार होता है... '
ReplyDeleteजीवन दर्शन बयाँ कर दी आपने तो. यहाँ रिवर्स गेयर भी नहीं है पर एक्सेलेटर है और स्टीयरिंग भी है पर हम अगर चूके तो समझो चूके ..
सुन्दर आलेख
एक नयी दिशा का चिन्तन। सुन्दर।
ReplyDeleteगाड़ी जैसे गर जीवन में "बैक गियर" जो होता।
नहीं सुहानी दुनिया होती हरदम "फियर" होता।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
फिर तो ये समझिये कि आपका भी यहाँ यह लिखने का मौक़ा कहाँ मिलता क्योंकि जो बहुत पहले आ गए थे वही अबतक रिवर्स गेयर इस्तेमाल कर-कर के थक रहे होते ! : ) जो होता है अच्छे के लिए होता है ये मान कर चलिए !
ReplyDeleteये गाड़ी का इंधन वाली बात बहुत अच्छी लगी...बस ये मुस्कराहट ही सफ़र आसान और स्मूथ बनाता है...
ReplyDeleteरिवर्स गियर का आइडिया तो बहुत ही बढ़िया है...बिलकुल हैरी पौटर की टाइम मशीन वाला जिस से वह घड़ी की सुइयां पीछे कर के पास्ट में जाकर सारी गलती ठीक कर देते हैं...पर काश ऐसा असल ज़िन्दगी में ये हो पाता..
बहुत सुन्दर लिखा है
word verification hataane ko kisi ne nahi bola?...pls remove it...it will make easier to comment
ReplyDeleteऐसा सोचने में भी कितना सुख है न?
ReplyDelete--------
रूपसियों सजना संवरना छोड़ दो?
मंत्रो के द्वारा क्या-क्या चीज़ नहीं पैदा की जा सकती?
:)
ReplyDeletewah wah .. :)
kya likha hai ... sach hai yeh toh... har koi apni life ke kuch hasin pal .. wapis se jeena chahta hai .. aur koi apni galtiyo ko leke afsos karta hai .. sochta hai ki bas ek baar fir se us pal me aa jau .. aur .apne aap ko sudhar lu ... par yeh acha hai ..jindgi ki gaadi me kabhi reverse gayer ni hona chaiye ... reverse gayer hoga .. toh isko jindgi nahi kahenge .. wo bhi gaadi banke reh jayega .. :)
It's tooo good pooja ..
keep it up
god bless u .. :)
"पर एक चीज आज भी हमारे पास है और हमेशा रहेगी... हमारी मुस्कान... जो हमारा और हमारे अपनों का बहुत बड़ा संबल है... और इस गाड़ी का बहुत ख़ास इंधन भी..."
ReplyDeleteसोच कहाँ कहाँ पहुंचती है - उसकी एक बानिगी है आपका रोचक आलेख
काश एक रिवर्स गेयर होता और हम वापस वहीँ पहुँच जाते...
ReplyDeleteपर एक चीज आज भी हमारे पास है और हमेशा रहेगी... हमारी मुस्कान... जो हमारा और हमारे अपनों का बहुत बड़ा संबल है... और इस गाड़ी का बहुत ख़ास इंधन भी...
..bilkul sahi... saarthak aalekh ke liye shubhkamnayne
@Verma ji, shyamal ji, Gondiyaal ji, Rahmi ji, >, Rakesh ji, Kavita ji... thank you so much....
ReplyDelete@rashmi ji... sure... I'll remove it asap...
@$gt... bas yahi to baat hai... zindagi aur gaadi mei fark bohot se hain, bas khojne ki kami hai... kuchh aisa jo gaadi mei hai but zindagi mei nahi... jo mujhe laga prastut kar diye...
all in all
Thank you so much...
God Bless...