आज बहुत दिनों बाद लिखने आई हूँ... या कहूँ कि आ पाई हूँ...
याद भी नहीं कि कितने दिन चाह कर भी नहीं लिख पाई...
पहले घड़ी - नक्षत्र जैसी बातों पर यकीन नहीं होता था, पर अब लगने लगा है कि ऐसी चीज़ें होती हैं... इनके भी मायने होते हैं...
जिस दिन "वर्ल्ड कप" का फाईनल था, २ अप्रैल, उस दिन हमारी यात्रा शुरू हुई भोपाल के लिए, और बस तभी से सब-कुछ शुरू हो गया... मेरा मोबाईल चोरी होना, भोपाल-इंदौर का सफ़र इतना हेक्टिक होना, मेरी रिपोर्ट्स, पहली बार एम.आर.आई. होने में इतनी दिक्कत, डॉ. से डांट, सरवाईकल, और भी न जाने क्या-क्या??? परन्तु जहाँ इन सब का अंत हुआ वो सबसे ज्यादा ख़राब, जब लौटना था, ६ अप्रैल, हबीबगंज स्टेशन में माँ का पैर ट्विस्ट होना, उनका गिरना और हाथ-पाँव दोनों में फ्रैक्चर... :(
बस माँ का हाथ-पैर फ्रैक्चर हुआ नहीं कि सारे काम बंद, एट-लीस्ट मेरा तो सब काम ही रुक जाता है... बड़े होने का इतना फायदा तो होता ही है कि आप अपने छोटे भाई-बहन को इतना कह सकते हो... भाई से बहस भी हो गयी पर जीती मैं ही... खैर, दो दिन हुए पक्का प्लास्टर चढ़े, और तभी से माँ के पास से थोडा-सा वक़्त भी मिल जाता है... वर्ना, पहली बार माँ को बच्चों जैसे जिद करते देखा, और जो कभी शांत नहीं रहती थीं, लगातार लेटे रहने के कारण थोड़ी-सी चिडचिडी भी हो गईं थीं... पर अब सब मस्त मिजाज़ में वापस...
पर एक कहावत उनकी ज़ुबांपर रहती है, नोटिस पापा ने किया और माँ ने याद कर लिया... कहती हैं जो बड़े- बुजुर्ग कह गए हैं वो एकदम सही है...
"पारीबा, चौथ, चौदस, नवमी.... ये रिक्ता तिथियाँ हैं... इन दिनों यात्रा करने से पहले देख-भाल लो... और पारीबा यदि मंगल को पड़े तो बिल्कुल भी यात्रा शुरू न करें..."
हर बार की तरह हमारा महान परिवार फ़िर एक साथ... सब परेशान थे, पर साथ रहते दिन कैसे बीत रहें हैं पता ही नहीं रहा... लगता है जैसे कल-परसों ही घर लौटे हों... और हैं भी इस समय रीवा में, माँ-पापा दोनों के मायके और रिश्तेदार यहीं बसे हैं, तो सुबह से आने-जाने वाले भी... और उनके अजीब से किससे कहानियों के साथ हमारा मनोरंजन भी... सबसे मज़ा तो रात में ११-१२ के बाद आता है, जब खाना-वाना खा कर हम सब दिनभर की बातें और अपने-अपने अनुभव शेयर करते हैं, कुछ मोनोएक्टिंग एक्सपर्ट्स तो मस्त कॉपी भी करते हैं, और बाउजी या चाचा लोगों की नींद ख़राब न हो इसीलिए हम लोग उन्हें सबसे ऊपर वाले फ्लोर में सोने भेज देते हैं, तो बस फ़िर क्या सोते-सोते ३-४ तो आराम से बजते हैं... और हमेशा की ही तरह इस परिवार की खासियात, हर मुसीबत यूँहीं हंसते-हंसते निकल जाती है, और हम सब कुछ-न-कुछ सीख रहे हैं... यदि मैं अपनी बात कहूँ तो मैं आजकल दुनियादारी सीख रही हूँ... रिश्तेदारी निभाना तो हमें बोलने से पहले ही सिखा दी जाती है... और इस बार तो सबसे ख़ास, मैं और माँ, एक-दूसरे के और ज्यादा करीब आ गए... :)
और सबसे ख़ास तो तब लगता है जब लोगों के ई-मेल्स पढ़ती हूँ, माँ के लिए शुभकामनाएं और मेरे लिए चिंता... और मजेदार तो वो जिन्हें मेरा मोबाईल चोरी होने की खबर नहीं थी, और न ही उनके पास मेरा कोई दूसरा नंबर... कुछ लोग तो पुलिस-स्टेशन में गुमशुदा की रिपोर्ट लिखवाने जा रहे थे...
चलिए आज की मोहलत समाप्त... कुछ पढ़ना भी है...
तो चलती हूँ... फ़िर मिलूंगी जिस दिन वक़्त मिलेगा...
जान कर थोडा हताश भी हुआ लेकिन अब जब कुछ सही दिशा में जा रहा है तो आशा की जा सकती है कि आप और आप माता जी शीघ्र ही स्वस्थ हो जायेंगे ..ईश्वर से यही कामना है ..!
ReplyDeleteसब कुछ ठीक हो जायेगा पूजा जी.. हमारी शुभकामना है !
ReplyDeleteपूजा जी! आंटी जी का ख्याल रखियेगा.उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना है.
ReplyDeleteपूजा अब कैसी हैं आंटी जी उनका ख्याल रखना और अपना भी जिंदगी है तो उतर - चढाव तो आते ही रहेंगे हिम्मत रखना दोस्त | और आगे के लिए शुभकामनयें की सब व्यवस्थित हो जाने के बाद तुम वापस लिखने लग जाओ |
ReplyDeleteअच्छा ये बात है पूजा तुमने तो भाई को बताया भी नहीं
ReplyDeleteकी ऐसी बात हो गई है ....खाई कोई बात नहीं
अब मामी जी कैसी है .....मामी जी ख्याल रखना और अपना भी उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना है
पूजा चिंता मत करना
ReplyDeleteमेरी मामी जी शीघ्र ही स्वस्थ हो जाएगी ..ईश्वर से यही प्रार्थना करूंगा
अपना ख्याल रखना
पूजा जी आप शीघ्र ही अपनी माता जी के स्वास्थ्य लाभ की शुभ सुचना हम सभी को देंगी .....यह इन्तजार रहेगा ...आपका आभार
ReplyDeleteपूजा जी,
ReplyDeleteआपकी मेरे ब्लॉग पर न आने की शिकायत आपके भाई
संजय जी से भी कर डाली.अब पता चला आपकी मजबूरी का.
शिकायत वापिस लेता हूँ पर फिर से इस अनुग्रह के साथ कि आप मेरे ब्लॉग पर एक बार अवश्य आयें.रामजन्म का न्यौता है आपको.कृपया ,
भूलिएगा नहीं.
आपकी माँ जी शीघ्र स्वस्थ हो आपकी खुशियाँ जिंदादिली कलम की ताकत वापस आये शुभकामनाएं
ReplyDeleteमुसीबतें भी बस... पहले अपना और घर का ध्यान रखिये, ब्लॉगिंग तो होती रहेगी। शुभकामनायें!
ReplyDeleteआप और आपकी माँ स्वास्थ्य लाभ करें। नया मोबाइल भी खरीद लें।
ReplyDeleteAapkee maa ji ke liye anek shubhkamnayen!
ReplyDeleteJo bhee ho.aapka aalekh bahut-si puranee,beetee baaten yaad dila gaya!
ab to tum mil gai... maa jaldi thik hongi
ReplyDeleteस्वास्थ्य लाभ हेतु मेरी हार्दिक शुभकामनायें...
ReplyDeleteमुसीबतों में अपने साथ हों तो जल्दी ही कट जाता है ऐसा वक्त भी ...माँ के स्वस्थ के लिए शुभकामनायें ..
ReplyDeleteमुसीबत के बिना भी ज़िन्दगी का मज़ा कहाँ है जल्दी ही सब कुछ ठीक हो जायेगा। परिवार की खुशियों और स्वास्थ्य लाभ के लिये शुभकामनायें।
ReplyDeleteआपकी इन परेशानियों की ज़रा भी खबर नहीं थी.मुसीबतें परीक्षा की घड़ियाँ होती हैं.साईं बाबा सब ठीक करेंगे.आपकी माँ जल्द स्वस्थ हों,आपकी परेशानियाँ कम हों,साईं बाबा से प्रार्थना करता हूँ.
ReplyDeleteबहुत अच्छी पोस्ट, शुभकामना, मैं सभी धर्मो को सम्मान देता हूँ, जिस तरह मुसलमान अपने धर्म के प्रति समर्पित है, उसी तरह हिन्दू भी समर्पित है. यदि समाज में प्रेम,आपसी सौहार्द और समरसता लानी है तो सभी के भावनाओ का सम्मान करना होगा.
ReplyDeleteयहाँ भी आये. और अपने विचार अवश्य व्यक्त करें ताकि धार्मिक विवादों पर अंकुश लगाया जा सके.,
मुस्लिम ब्लोगर यह बताएं क्या यह पोस्ट हिन्दुओ के भावनाओ पर कुठाराघात नहीं करती.
अपना और घर का ध्यान रखिये,
ReplyDeleteपूजा माँ के स्वास्थ्य लाभ के लिये शुभकामनायें....
ReplyDeleteआपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
ReplyDeleteप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (18-4-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
यही जीवन है ...यह सुन्दर परिवार खुशकिस्मत है जहाँ पूजा जैसी बेटी है सबका ख्याल रखने को और मैं भी :-)
ReplyDeleteमाँ को शुभकामनायें ...
माँ जी शीघ्र स्वस्थ हो ईश्वर से यही प्रार्थना है...
ReplyDeleteसंकट आते हैं तो चले भी जाते हैं...शीघ्र सब ठीक हो जाएगा.
सब कुछ जल्दी से ठीक हो जाए ... और मां जी भी स्वस्थ्य हो जाएं..इन्हीं शुभकामनाओं के साथ ..।
ReplyDeleteummid karta hoon, ab sab thik ho chuka hoga..:)
ReplyDeleteमाँ के शीघ्र स्वस्थ होने की दुआ करता हूँ | सब ठीक हो जायेगा भगबान पर भरोसा रखें |
ReplyDeleteआंटी जी का ख्याल रखियेगा| उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना है|
ReplyDeleteसब ठीक हो जाएगा आप होंसला रखिये ......
ReplyDeleteअक्षय-मन
Yeh Hosla Kaise Juke,
Yeh Aarzoo Kaise Ruke - 2
Manzil Muskil to kya,
Bundla Sahil to kya,
Tanha Ye Dil to Kya
Ho Hooo
Raah Pe Kante Bikhre agar,
Uspe to phir bhi chalna hi hai,
Saam Chhupale Suraj magar,
Raat ko ek din Dhalana hi hai,
Rut ye tal jayegi,
Himmat rang layegi,
Subha phir aayegi
Hoooo
Yeh Hosla Kaise Juke,
Yeh Aarzoo Kaise Ruke - 2
Hogi hame to rehmat ada,
Dhup kategi saaye tale,
Apni khuda se hai ye Dua,
Manzil lagale humko gale
Zurrat so baar rahe,
Uncha Ikraar rahe,
Zinda har pyar rahe
Hoooo
Yeh Hosla Kaise Juke,
Yeh Aarzoo Kaise Ruke - 2
पूजा जी प्रणाम!
ReplyDeleteशकुन, अपशकुन.... दिन, तिथि, मुहूर्त का तो पता नहीं...पर ऐसा कई बार होता है की बहुत सा बुरा एक साथ घाट जाता है....बड़ी हड़बड़ी हो जाती है ...
आशा है अब सब स्थिर हो गया होगा ....आपके परिवार की खुशिया बनी रहे...
समय मिले तो हमारे यहाँ भी आईयेगा....
पूजा जी आप बिल्कुल मत घबराइये और न ही किसी प्रकार की चिंता कीजिये! मैं भगवान से प्रार्थना करती हूँ ताकि आंटी जी जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाये!
ReplyDeleteश्रीमान जी, क्या आप हिंदी से प्रेम करते हैं? तब एक बार जरुर आये. मैंने अपने अनुभवों के आधार ""आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें"" हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है. मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग www.rksirfiraa.blogspot.com पर टिप्पणी करने एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.
ReplyDeleteश्रीमान जी, हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु सुझाव :-आप भी अपने ब्लोगों पर "अपने ब्लॉग में हिंदी में लिखने वाला विजेट" लगाए. मैंने भी कल ही लगाये है. इससे हिंदी प्रेमियों को सुविधा और लाभ होगा.
Ohhhhhhhhh....
ReplyDeleteder se ane ke liye mafi chahunga
par ab ummid karta hun ki maa ko swasth dekhunga.
ab maa kaisi hain...?
aap ki ek bat .... me bhi din...tithi ...hani nahi manta tha.
par ab me manane laga hun..!
aur pooja ji jaha pariwar ka har member gum ko hanshte-2 bitata hai....waha gam hota hi nahi.
आपके घर की मस्तियाँ फिर से वापस आ गईं, बधाई. कामना करता हूँ कि आपके परिवार में आपसी प्रेम यूँ ही कायम रहे.
ReplyDeleteआपकी मुसीबतें पढ़कर दुःख हुआ.भगवान सब ठीक करेगा.चिंता न करना.शुभकामनायें आपको और आपकी माता जी को भी.
ReplyDeleteमाँ को शुभकामनायें ...
ReplyDeletepooja aap kab kuch naya likhengi
ReplyDeleteआप की नयी पोस्ट का इंतज़ार है
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आपका स्वागत है "नयी पुरानी हलचल" पर...यहाँ आपके ब्लॉग की किसी पोस्ट की कल होगी हलचल...
नयी-पुरानी हलचल
धन्यवाद!
माँ के लिए शुभकामनायें..
ReplyDeletegood luck
ReplyDeleteevery thing will be fine