कल मुख्यमंत्री और कल वनमंत्री...
अरे नहीं नहीं, ये किसी राजनीतिक दंगल की बात नहीं हो रही और न ही मैं किसी उलटफेर की खबर आप तक पहुंचा रही हूँ... ये तो बस हम "सरकारी बच्चों" का दर्द है जो आज बयाँ कर रही हूँ...
सरकारी बच्चों" से मेरा क्या तात्पर्य है ये तो आप सब समझ ही गए होंगें... वो सारे बेचारे बच्चे जिनके parents का job-title "Govt. Job" हो... सबसे पहले तो हमें लोगों की अजीब -सी नज़रें झेलनी पड़ती है... यदि हम किसी से बेढंग तरीके से बात करें तब तो लोगों को बड़ा अच्छा लगता है "की, हाँ तुम्हारे पापा/मम्मी तो govt job में हैं न!!!" और यदि हम अच्छे-से पेश आएं तब उन्हें आश्चर्य होता है "अरे! लगता ही नहीं की तुम्हारे पापा/मम्मी Govt job में हैं"... क्यों भाई! क्या सरकारी बच्चों की सींग निकली होती है??? या, उनके दो-चार एक्स्ट्रा दांत होते हैं???पता नहीं... हो सकता है आप में से कुछ लोग मेरी बातों से सहमत न हो, परन्तु ये मेरा personal experience है...
खैर!!! अभी मैं जिस बात को लेकर यहाँ आई थी, "कल मुख्यमंत्री और कल वनमंत्री"...
आजकल यहाँ, सीधी में, मंत्रियों का आना-जाना कुछ ज्यादा ही लगा हुआ है, चुनाव की तय्यारियाँ भी शुरू हो चुकी हैं... अभी कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री "शिवराज सिंह चौहान जी" आए, रातों-रात यहाँ से ट्रांस्फर्स, और पूरी मेडिकल टीम को सस्पेंड कर के चले गए, कल फिर आए, सभा की, रैली निकली और चले गए... अब कल वनमंत्री आ रहे हैं, बोनस वितरण करेंगें, कुछ भाषण देंगें, कहीं का plantation देखेंगें और चले जाएंगें...
परसों नीलाम है...
फिर उसके बाद P.S. को रिपोर्ट भेजनी है...
और साथ ही साथ वन-मेला की तय्यारी, और हाँ वहां पहुंचना भी ज़रूरी है...
और ये सब देखने के बाद मम्मी कहतीं हैं कि, मेरी शादी वो एक Govt Job वाले से ही करेंगीं...
तीन दिन से मैंने अपने पापा की शक्ल ठीक से नहीं देखी, और उनके काम का इतना ज्यादा pressure जानने और समझने के बाद सब चाहते हैं कि मैं किसी ऐसे ही इंसान से शादी कर लूं... जबकि सब जानते हैं कि मुझे ये सब बिल्कुल नहीं पसंद... ये भी कोई जॉब है जिसमें न संडे, न दिवाली, न होली... किसी की भी छुट्टी नहीं... :(
मैंने बचपन से अपने पापा को यूँही देखा है, कई बार तो उन्हें ये भी पता नहीं होता था कि उनके बच्चे कौन-सी क्लास में पहुँच गए हैं??? Means, this is height.
और लोगों को लगता है कि हम, सरकारी बच्चे, सबसे ज्यादा लकी होते हैं दुनिया में... :(
होते हैं, क्योंकि हमें ऐसे parents मिले हैं... मगर कई बार दुःख भी होता है, जब घुन के साथ गेंहू को भी पिसना पड़ता है... :(
But, let it be... who cares... :)
अरे नहीं नहीं, ये किसी राजनीतिक दंगल की बात नहीं हो रही और न ही मैं किसी उलटफेर की खबर आप तक पहुंचा रही हूँ... ये तो बस हम "सरकारी बच्चों" का दर्द है जो आज बयाँ कर रही हूँ...
सरकारी बच्चों" से मेरा क्या तात्पर्य है ये तो आप सब समझ ही गए होंगें... वो सारे बेचारे बच्चे जिनके parents का job-title "Govt. Job" हो... सबसे पहले तो हमें लोगों की अजीब -सी नज़रें झेलनी पड़ती है... यदि हम किसी से बेढंग तरीके से बात करें तब तो लोगों को बड़ा अच्छा लगता है "की, हाँ तुम्हारे पापा/मम्मी तो govt job में हैं न!!!" और यदि हम अच्छे-से पेश आएं तब उन्हें आश्चर्य होता है "अरे! लगता ही नहीं की तुम्हारे पापा/मम्मी Govt job में हैं"... क्यों भाई! क्या सरकारी बच्चों की सींग निकली होती है??? या, उनके दो-चार एक्स्ट्रा दांत होते हैं???पता नहीं... हो सकता है आप में से कुछ लोग मेरी बातों से सहमत न हो, परन्तु ये मेरा personal experience है...
खैर!!! अभी मैं जिस बात को लेकर यहाँ आई थी, "कल मुख्यमंत्री और कल वनमंत्री"...
आजकल यहाँ, सीधी में, मंत्रियों का आना-जाना कुछ ज्यादा ही लगा हुआ है, चुनाव की तय्यारियाँ भी शुरू हो चुकी हैं... अभी कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री "शिवराज सिंह चौहान जी" आए, रातों-रात यहाँ से ट्रांस्फर्स, और पूरी मेडिकल टीम को सस्पेंड कर के चले गए, कल फिर आए, सभा की, रैली निकली और चले गए... अब कल वनमंत्री आ रहे हैं, बोनस वितरण करेंगें, कुछ भाषण देंगें, कहीं का plantation देखेंगें और चले जाएंगें...
परसों नीलाम है...
फिर उसके बाद P.S. को रिपोर्ट भेजनी है...
और साथ ही साथ वन-मेला की तय्यारी, और हाँ वहां पहुंचना भी ज़रूरी है...
और ये सब देखने के बाद मम्मी कहतीं हैं कि, मेरी शादी वो एक Govt Job वाले से ही करेंगीं...
तीन दिन से मैंने अपने पापा की शक्ल ठीक से नहीं देखी, और उनके काम का इतना ज्यादा pressure जानने और समझने के बाद सब चाहते हैं कि मैं किसी ऐसे ही इंसान से शादी कर लूं... जबकि सब जानते हैं कि मुझे ये सब बिल्कुल नहीं पसंद... ये भी कोई जॉब है जिसमें न संडे, न दिवाली, न होली... किसी की भी छुट्टी नहीं... :(
मैंने बचपन से अपने पापा को यूँही देखा है, कई बार तो उन्हें ये भी पता नहीं होता था कि उनके बच्चे कौन-सी क्लास में पहुँच गए हैं??? Means, this is height.
और लोगों को लगता है कि हम, सरकारी बच्चे, सबसे ज्यादा लकी होते हैं दुनिया में... :(
होते हैं, क्योंकि हमें ऐसे parents मिले हैं... मगर कई बार दुःख भी होता है, जब घुन के साथ गेंहू को भी पिसना पड़ता है... :(
But, let it be... who cares... :)