ये कैसा अहसास है...

दिन-रात महसूस होता है जो...
ये कैसा अहसास है???
है तो मुझसे दूर... पर...
फ़िर भी मेरे सबसे पास है...

मेरी मंजिल, मेरा साहिल और मेरी जीने की जुस्तज़ू
जानती हूँ मुश्किल है ये सोचना...
पर फ़िर भी हर आरज़ू के पूरे होने की आस है...