ये कैसा अहसास है...

दिन-रात महसूस होता है जो...
ये कैसा अहसास है???
है तो मुझसे दूर... पर...
फ़िर भी मेरे सबसे पास है...

मेरी मंजिल, मेरा साहिल और मेरी जीने की जुस्तज़ू
जानती हूँ मुश्किल है ये सोचना...
पर फ़िर भी हर आरज़ू के पूरे होने की आस है...

13 comments:

  1. वैरी बिउटिफुल क्रीयेशन .....

    ReplyDelete
  2. बहुत बढ़िया.

    ReplyDelete
  3. Mahfooz ali ji, Maadhav ji, Udan tashtari ji... bahut bahut dhanyawaad... thank you so much...

    ReplyDelete
  4. स्वागत . जब समीर जी ने आपकी तारीफ़ की है तो कुछ कहने को रह नही गया

    ReplyDelete
  5. वाह क्या बात है !!
    इस अहसास को सलाम.
    यह अहसास ही तो है जो जीने का जोश पैदा करता है.

    ReplyDelete
  6. खुबसूरत लाइनें हैं। नियमित लिखती रहें।

    ReplyDelete
  7. यही "विश्वास" बना रहे - शुभ आशीष

    ReplyDelete
  8. एहसास ही जीवन है. बहुत बढ़िया. आभार.

    ReplyDelete
  9. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

    ReplyDelete
  10. इस सुंदर से नए चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

    ReplyDelete
  11. @dheeru ji, rajeev ji, sidhharth ji, rakesh ji, subramaniyam ji, aanand ji, mayank ji, bhootnaath ji, ajay ji, sangeeta ji... आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद...

    ReplyDelete